नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं चयनित, अधिकारी मौन , विज्ञापन संख्या 37 के चयनितों को नहीं दी जा रही है नियुक्ति हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रहा है निदेशालय , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
राज्य सरकार पठन-पाठन दुरुस्त करने पर विशेष जोर देती है, लेकिन कक्षा में जिन शिक्षकों को पढ़ाना है, उनकी नियुक्ति को लेकर उच्च शिक्षा विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा। स्थिति यह है कि डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद का परिणाम निकालकर उच्च शिक्षा निदेशालय नियुक्ति देना ही भूल गया। चयनित सालों से नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही। आहत अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने निदेशालय को चयनितों को नियुक्ति देने का आदेश दिया, उसके बाद भी प्रक्रिया लटकी है।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 37 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती निकाली थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी करके मार्च 2018 में परिणाम घोषित कर दिया गया। इसके बाद सितंबर माह में 138 चयनितों में 48 की काउंसिलिंग कराई गई। काउंसिलिंग के बाद मात्र 17 चयनितों को नियुक्ति मिली। बाकी को नियुक्ति देने की प्रक्रिया वहीं रोक दी गई। आहत चयनितों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने 16 अप्रैल 2019 को निदेशालय को भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। इसके बाद चयनितों से 24 अप्रैल को मोबाइल नंबर, ई-मेल व पता आदि जानकारियां ली गई, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। चयनित डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया क्यों रुकी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि विज्ञापन संख्या 47 की चयन प्रक्रिया चल रही है।
राज्य सरकार पठन-पाठन दुरुस्त करने पर विशेष जोर देती है, लेकिन कक्षा में जिन शिक्षकों को पढ़ाना है, उनकी नियुक्ति को लेकर उच्च शिक्षा विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा। स्थिति यह है कि डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद का परिणाम निकालकर उच्च शिक्षा निदेशालय नियुक्ति देना ही भूल गया। चयनित सालों से नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही। आहत अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने निदेशालय को चयनितों को नियुक्ति देने का आदेश दिया, उसके बाद भी प्रक्रिया लटकी है।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 37 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती निकाली थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी करके मार्च 2018 में परिणाम घोषित कर दिया गया। इसके बाद सितंबर माह में 138 चयनितों में 48 की काउंसिलिंग कराई गई। काउंसिलिंग के बाद मात्र 17 चयनितों को नियुक्ति मिली। बाकी को नियुक्ति देने की प्रक्रिया वहीं रोक दी गई। आहत चयनितों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने 16 अप्रैल 2019 को निदेशालय को भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। इसके बाद चयनितों से 24 अप्रैल को मोबाइल नंबर, ई-मेल व पता आदि जानकारियां ली गई, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। चयनित डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया क्यों रुकी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि विज्ञापन संख्या 47 की चयन प्रक्रिया चल रही है।