24 साल की उम्र में बने न्यायिक अधिकारी , ’चार-छह घंटे प्रतिदिन पढ़ाई कर निकाला पीसीएसजे , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
अंबेडकर नगर के उत्कर्ष सिंह ने सीमित संसाधनों में एलएलएम की पढ़ाई पूरी करते ही न्यायिक अधिकारी बन गए। 24 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल कर उन्होंने समाज के युवाओं में जोश भर दिया। उनका कहना है कि जो लगन और मेहनत से ही सफलता मिलती है।
उत्कर्ष की परवरिश कृषक परिवार में हुई। उनके पिता ओम प्रकाश सिंह किसान हैं और माता गृहणी हैं। एक छोटा भाई है वह भी पढ़ाई कर रहा है। उत्कर्ष की प्रारंभिक शिक्षा अंबेडकर नगर में ही हुई। वर्ष 2011 में उन्होंने लविवि में एलएलबी ऑनर्स में दाखिला लिया। 61 फीसद नंबरों से एलएलबी उत्तीर्ण की और वर्ष 2017 में एलएलएम में दाखिला लिया। वर्ष 2019 में एलएलएम 60 फीसद अंकों में उत्तीर्ण किया और पढ़ाई करते हुए ही पीसीएसजे में भी बाजी मार ली। उत्कर्ष कहते हैं कि वह बिना कोचिंग के घर पर ही चार-छह घंटे पढ़ाई करते थे। योजनाबद्ध तरीके से की गई पढ़ाई से ही वह इस मुकाम पर आज पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि एलएलएम का परिणाम आने के 20 दिन बाद ही पीसीएसजे का रिजल्ट आया था।
अंबेडकर नगर के उत्कर्ष सिंह ने सीमित संसाधनों में एलएलएम की पढ़ाई पूरी करते ही न्यायिक अधिकारी बन गए। 24 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल कर उन्होंने समाज के युवाओं में जोश भर दिया। उनका कहना है कि जो लगन और मेहनत से ही सफलता मिलती है।
उत्कर्ष की परवरिश कृषक परिवार में हुई। उनके पिता ओम प्रकाश सिंह किसान हैं और माता गृहणी हैं। एक छोटा भाई है वह भी पढ़ाई कर रहा है। उत्कर्ष की प्रारंभिक शिक्षा अंबेडकर नगर में ही हुई। वर्ष 2011 में उन्होंने लविवि में एलएलबी ऑनर्स में दाखिला लिया। 61 फीसद नंबरों से एलएलबी उत्तीर्ण की और वर्ष 2017 में एलएलएम में दाखिला लिया। वर्ष 2019 में एलएलएम 60 फीसद अंकों में उत्तीर्ण किया और पढ़ाई करते हुए ही पीसीएसजे में भी बाजी मार ली। उत्कर्ष कहते हैं कि वह बिना कोचिंग के घर पर ही चार-छह घंटे पढ़ाई करते थे। योजनाबद्ध तरीके से की गई पढ़ाई से ही वह इस मुकाम पर आज पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि एलएलएम का परिणाम आने के 20 दिन बाद ही पीसीएसजे का रिजल्ट आया था।