आईटीआई के चार लाख प्रशिक्षु सरकारी उदासीनता के शिकार , प्रशिक्षुओं को हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा पास करने का साढ़े तीन साल पहले जारी हुआ आदेश. , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट

आईटीआई के चार लाख प्रशिक्षु सरकारी उदासीनता के शिकार  , प्रशिक्षुओं को हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा पास करने का साढ़े तीन साल पहले जारी हुआ आदेश. , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट 






माध्यमिक शिक्षा परिषद की उदासीनता के कारण राज्यकीय व निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के चार लाख प्रशिक्षुओं को हाईस्कूल और इंटर उत्तीर्ण होने का मौका नहीं मिल पा रहा है। इस सिलसिले में 19 मार्च 2016 को हुए सरकारी गजट पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने साढ़े तीन साल बीतने के बाद भी अमल नहीं किया। .

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जारी किया था सरकारी गजट: वर्ष 2016 की शुरुआत में व्यवसायिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा परिषद के बीच यह तय हुआ था कि कक्षा 8 उत्तीर्ण करने वाले आईटीआई प्रशिक्षुओं को हाईस्कूल और 10 वीं की परीक्षा पास कर आईटीआई करने वालों को इंटरमीडिएट के समकक्ष परीक्षा माना जाएगा। .

बशर्ते कि प्रशिक्षु हिन्दी विषय की परीक्षा दें। इन प्रशिक्षुओं को कक्षा नौ और 11 उतीर्ण करने की बाध्यता नहीं रहेगी।.

ये सभी प्रशिक्षु प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में हिन्दी विषय की परीक्षा देंगे। दोनों विभागों में कई चरणों की बातचीत के बाद 19 मार्च 2016 को इस सिलसिले में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गजट भी जारी कर दिया। .

11 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर इस सरकारी गजट की जानकारी भी दे दी गई। .

उस समय परिषद की सचिव शैल यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए कि वे प्रशिक्षुओं के आए हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट परीक्षा आवेदन पत्रों पर आवश्यक कार्रवाई कराएं। उधर, व्यवसायिक शिक्षा विभाग ने भी सरकारी व निजी आईटीआई के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजकर सरकारी गजट की जानकारी दी। इन सभी प्रधानाचार्यों से कहा गया कि वे अपने के प्रशिक्षुओं के परीक्षा के फार्म भरवाकर जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेज दें। .

प्रशिक्षुओं के फार्म डीआईओएस ऑफिस में पड़े हैं.

माध्यमिक शिक्षा परिषद को पोर्टल पर आईटीआई प्रशिक्षुओं को हिन्दी विषय की परीक्षा देने की व्यवस्था करना था। मौजूदा समय में हालत यह है कि परिषद सरकारी गजट होने के साढ़े तीन साल के बाद भी अपने पोर्टल में शासनादेश के तहत व्यवस्था नहीं कर पाया। नतीजतन, डीआईओएस ऑफिस में प्रशिक्षुओं के परीक्षा फार्म धूल फांक रहे हैं।.




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