69000 शिक्षक भर्ती ::: शिक्षक बनने के लिए पांच लाख बेरोजगार कर रहे इंतजार , परिषदीय स्कूलों में है शिक्षकों की भारी कमी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट

69000 शिक्षक भर्ती ::: शिक्षक बनने के लिए पांच लाख बेरोजगार कर रहे इंतजार , परिषदीय स्कूलों में है शिक्षकों की भारी कमी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट 





परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में आने वाले एक-दो साल में फिलहाल सहायक अध्यापकों की भर्ती के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के मानक के अनुसार यूपी के परिषदीय स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक हैं। वर्तमान में चल रही 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती पूरी होने पर शिक्षकों की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी।.

लिहाजा शिक्षक बनने की राह देख रहे बीटीसी या बीएड और टीईटी पास कम से कम पांच लाख बेरोजगारों को अभी इंतजार करना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कोई नई भर्ती प्रस्तावित भी नहीं है। हालांकि सरकार ने बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति का संशोधन कर दिया और अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में 25वां संशोधन भी कर दिया है। जून 2018 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने बीएड को भी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक भर्ती के लिए मान्य कर दिया था। उसके बाद 18 नवंबर 2018 को आयोजित टीईटी में प्राथमिक स्तर की परीक्षा में 1101645 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे। इनमें से 366285 अभ्यर्थियों को सफलता मिली थी। उसके बाद से 69000 भर्ती शुरू हुई थी लेकिन पूरी नहीं हो सकी है। पहले से टीईटी पास अभ्यर्थियों की संख्या दो लाख मान ली जाए तो भी बेरोजगारों की संख्या पांच लाख से अधिक है। आरटीई के अनुसार प्राथमिक स्कूल में 30 बच्चों पर एक शिक्षक और उच्च प्राथमिक स्कूल में 35 बच्चों पर कम से कम एक शिक्षक होना चाहिए। प्रत्येक उच्च प्राथमिक स्कूल में एक विज्ञान-गणित, एक भाषा और एक सामाजिक विज्ञान के शिक्षक की तैनाती भी अनिवार्य है। प्राइमरी स्कूलों में वर्तमान में 35 बच्चों पर एक शिक्षक कार्यरत है। 69000 शिक्षक भर्ती पूरी होने पर यह अनुपात गिरकर 30 से कम हो जाएगा। वहीं उच्च प्राथमिक स्कूलों में 26 बच्चों पर एक शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इस प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की संख्या अधिक है।.



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