आरक्षण पर आदेश से देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती फंसी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

आरक्षण पर आदेश से देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती फंसी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




आर्थिक आरक्षण पर जारी एक आदेश से देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर फिर पेच फंस गया है। संस्थान इस असमंजस में हैं कि नई आरक्षण व्यवस्था सभी नियुक्तियों पर लागू होगी या सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती इसके अनुसार की जाएगी।.

सात मार्च का आदेश : अब तक आरक्षण सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर पर लागू होता था लेकिन दो साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संस्थानों में विभागवार आरक्षण लागू करने का फैसला दिया था। इसके बाद केंद्र ने अध्यादेश लाकर उसमें बदलाव किया और इसी साल सात मार्च को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नियुक्तियों के लिए नया आदेश जारी कर दिया। .

संस्थानों में भ्रम : आदेश में ‘शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या' के अनुसार आरक्षण का उल्लेख कर दिया गया। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर तीनों ही इस श्रेणी में आते हैं। मंत्रालय के आदेश के बाद कई विश्वविद्यालयों ने पुराने पैटर्न पर सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में नई आरक्षण व्यवस्था का प्रावधान किया जबकि कुछ ने नए आदेश को ध्यान में रखकर तीनों श्रेणियों में इसे लागू माना।.

यूजीसी से राय मांगी : विवाद होने के बाद संस्थानों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से राय मांगी और आरक्षण पर सही स्थिति स्पष्ट करने को कहा। हालांकि, यूजीसी के अधिकारी भी इसका फैसला नहीं कर पाए। .

मंत्रालय से अनुरोध : यूजीसी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में अपना फैसला बताने का अनुरोध किया है। इस विवाद की वजह से संस्थानों में भर्तियों में भ्रम की स्थिति है, हालांकि नियुक्तियों पर आधिकारिक रोक नहीं लगाई गई है। .


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