आरटीओ प्रवर्तन दल के सिपाही को सजा
झांसी जनपद में तैनात रहे आरटीओ प्रवर्तन दल के सिपाही कंधी लाल को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश गौरव शर्मा ने पांच वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रभा वैश्य ने कहा कि इस प्रकरण की शिकायत प्रहलाद सिंह चौहान ने झांसी के तत्कालीन संभागीय परिवहन अधिकारी आरके मिश्र से की थी। इस पर उन्होंने 21 अक्टूबर 2003 को मुकदमा दर्ज कराने को कहा था। इसके बाद सीपरी थाने पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सरकारी वकील का तर्क था कि मामले की विवेचना भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा की गई थी।
इसमें पता चला कि सिपाही कंधी लाल ने एक जुलाई 1979 को परिवहन विभाग में आरक्षी के पद पर नियुक्त हुआ था तथा उसकी पहली तैनाती झांसी के आरटीओ कार्यालय में हुई थी। इस प्रकार उसका स्थानांतरण बांदा, मेरठ के बाद पुन: झांसी हुआ। उसने प्राप्त आय से कहीं अधिक खर्च किया। विवेचना के दौरान अभियुक्त अर्जित संपत्ति के बारे में कोई स्पष्ट जवाब न दे सका।