नीट पीजी के आखिरी राउंड में दिखेगा छह फीसद का असर
नीट पीजी काउंसिलिंग के आखिरी यानी मॉपअप राउंड में कट ऑफ प्रतिशत की छह फीसद की कमी का असर दिखेगा। यह असर उन सैकड़ों अभ्यर्थियों के तौर पर नजर आएगा, जिन्हें कम अंकों की वजह से काउंसिलिंग के पहले दो चरणों में आवेदन का मौका नहीं मिल पाया था। इन अभ्यर्थियों के पास इस हफ्ते के अंत तक काउंसिलिंग के लिए पंजीकरण कराने का मौका होगा।
केंद्र सरकार ने प्रदेश की मेडिकल पीजी कक्षाओं में प्रवेश के लिए पर्सेटाइल के मानक घटा दिए हैं। अभी तक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 50, दिव्यांगों के लिए 45 और एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग के लिए 40 पर्सेटाइल जरूरी था।
अब तीनों श्रेणियों में छह-छह फीसद की कमी किए जाने के बाद न्यूनतम अंकों की शर्त सामान्य श्रेणी के लिए 44, दिव्यांगों के लिए 39 और एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग के लिए 34 पर्सेटाइल तक आ गई है। इससे आवेदन की अर्हता रखने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गई है। पहले जहां सामान्य श्रेणी के लिए कम से कम 340 अंक जरूरी थे, वहीं अब 313 नंबर पाने वाले भी आवेदन कर सकेंगे।
सामान्य श्रेणी के कट ऑफ स्कोर में 27 अंकों की कमी आई है, जबकि दिव्यांगों के लिए जरूरी न्यूनतम कट ऑफ स्कोर को 26 अंक घटाकर 317 से 291 और एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग के लिए 25 अंक कम करके कट ऑफ स्कोर 295 से 270 किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि मॉपअप राउंड के लिए अब तक आठ सौ पंजीकरण हो चुके हैं, जबकि करीब 750 और अभ्यर्थियों के आने की उम्मीद है। डॉ.गुप्ता ने बताया कि नये अभ्यर्थियों को पंजीकरण कराने के लिए रविवार, 12 मई तक मौका दिया जाएगा। उसके बाद ही बची सीटों पर दाखिले शुरू होंगे।