UPPSC :: 10768 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को जारी करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का अनशन जारी , परिणाम जारी होने तक जारी रहेगा अनशन , परीक्षा के आयोजन को होने वाले है एक साल पूरे , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट देने में एक साल लग जाएंगे। साढ़े आठ माह बीत चुके हैं और अब तक एक फीसदी पदों का परिणाम ही आया है। केवल एक परीक्षा के आधार पर भर्ती होनी है। परीक्षा ओएमआर कॉपियों पर हुई थी। कॉपियां जांचने के लिए अलग से परीक्षकों की भी जरूरत नहीं थी। इसके बावजूद इतना समय लग गया। इसी के विरोध में अभ्यर्थी आयोग में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत 10768 पदों पर भर्ती होनी है और अब तक 117 पदों का परिणाम ही घोषित हुआ है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पिछले साल 29 जुलाई को हुई थी। परीक्षा में तकरीबन चार लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। अब भी लाखों अभ्यर्थियों को परिणाम का इंतजार है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग जिस हिसाब से हर हफ्ते विषयवार पुरुष एवं महिला शाखा के पदों पर भर्ती का अलग-अलग परिणाम जारी कर रहा है, उससे यही लगता है कि पूरी परिणाम जारी करने में आठ माह और लग जाएंगे।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा ओएमआर कॉपी पर हुई थी और इसमें बहुविकल्पीय प्रकार के सवाल पूछे गए थे।
आयोग ने परीक्षा की उत्तरकुंजी भी जारी नहीं की। उसके पास केवल एक था कि कॉपियों को स्कैन कर रिजल्ट जारी कर दिया। यह काम भी आयोग ठीक से नहीं कर सका। आयोग को एक परीक्षा का रिजल्ट देने में कम से कम एक साल लग जाएगा और परीक्षार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ है। अभ्यर्थी यह मांग भी कर रहे हैं जिन विषयों का रिजल्ट जारी रहा है, उनमें चयनितों का सत्यापन भी शुरू करा दिया जाए, क्योंकि इस काम में भी कम से कम तीन माह लग जाएंगे। चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए कब तक इंतजार करेंगे। अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन बुधवार को भी जारी रहेगा। इस मौके पर दुर्गेश सिंह, रोहित सिंह, विकास तिवारी, नितिन, कुलदीप आदि मौजूद रहे।
सोशल मीडिया में व्यवस्था पर कटाक्ष
सोशल मीडिया पर कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनके माध्यम से परीक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष किया जा रहा है। इन्हीं में से एक मैसेज है, ‘चुनाव का नामांकन आज किया जाए, चुनाव दो साल बाद करवाया जाए, फिर एक साल बाद परिणाम घोषित किया जाए और मजा तो तब आए कि उसके बाद चुनाव में गड़बड़ी के नाम पर तीन साल तक मामला कोर्ट में चलता रहे और उसके बाद चुनाव निरस्त कर दिया जाए। तब इन नेताओं को पता चलेगा कि देश का युवा कैसे सहन करता है।’