यूपी बोर्ड :: बदलाव पड़ा इस बार रिजल्ट पर भारी , हाई स्कूल , इंटरमीडिएट में लागू किया गया था NCERT कोर्स , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 नए प्रयोगों के लिए जानी जाएगी। बोर्ड की ओर से हाईस्कूल हाईस्कूल में सामाजिक विज्ञान में एनसीईआरटी पैटर्न को लागू किया गया। वहीं इंटरमीडिएट में दो और तीन प्रश्नपत्र की बजाय एकल प्रश्नपत्र की व्यवस्था लागू की गई। ऐसे में परीक्षाफल में गिरावट दर्ज की गई। बोर्ड के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि बदलाव परीक्षाफल पर भारी पड़ा।
बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों को देखें तो भूगोल का परीक्षाफल 86.52 फीसदी से कम होकर 79.25 फीसदी, नागरिक शास्त्र का परिणाम 74.37 से कम होकर 66.28 फीसदी, अर्थशास्त्र का परिणाम 84.02 से कम होकर 78.42 फीसदी, समाजशास्त्र का परिणाम 89.68 से कम होकर 83.06 फीसदी एवं इतिहास के रिजल्ट में सबसे कम 67.55 फीसदी से 66.68 फीसदी हो गया। इस प्रकार बोर्ड की ओर से इंटरमीडिएट में नागरिक शास्त्र, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र विषय में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अपनाए जाने के बाद परिणाम में गिरावट दर्ज की गई।
हाईस्कूल में सामाजिक विज्ञान में पहले से ही एकल प्रश्नपत्र की व्यवस्था लागू होने से परीक्षार्थियों ने यहां तो बदलाव को स्वीकार कर लिया और हाईस्कूल का परिणाम पिछले वर्ष 77.42 फीसदी की अपेक्षा इस बार 80.52 फीसदी रहा। सर्वार्य इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुरार जी त्रिपाठी का कहना है कि हाईस्कूल सामाजिक विज्ञान के परिणाम में बहुत अंतर नहीं आया, लेकिन यह बदलाव इंटरमीडिएट में भारी पड़ा। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि पहले वर्ष बदलाव का असर दिखाई पड़ता है, आगे से छात्र एवं शिक्षक दोनों बदलाव के अनुरूप अपने को ढाल लेंगे।