68500 शिक्षक भर्ती :: एक महीने में होगा जिला आवंटन विवाद का अंत , 21 मई तक मामले का निपटारा होने की उम्मीद , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
.
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में जिला आवंटन के विवाद का अंत एक महीने में होने का अनुमान है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर दर्जनों याचिकाओं की सुनवाई के बाद 22 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट अमूमन तीन महीने में सुरक्षित फैसले का आदेश जारी कर देता है। इसलिए याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है कि 21 मई तक मामले का निपटारा हो जाएगा। .
68500 शिक्षक भर्ती में सफल अभ्यर्थियों का जिला आवंटन बेसिक शिक्षा विभाग ने 31 अगस्त 2018 को जारी किया था। परीक्षा में सफल 41556 अभ्यर्थियों में से 34660 को जिला आवंटित हुआ लेकिन छह हजार से अधिक सफल अभ्यर्थियों का जिला आवंटन नहीं हुआ।.
इस पर बाहर किए गए सफल अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया। रातोंरात प्रदेशभर के सैकड़ों अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचकर एससीईआरटी के सामने धरने पर बैठ गये। मामला गंभीर होता देख मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर 48 घंटे के अंदर दो सितंबर को अवशेष छह हजार से अधिक अभर्थियों को जिला आवंटित हुआ लेकिन इसमें एक बड़ी गड़बड़ी हो गई। 31 अगस्त को पहले चरण में हाई मेरिट वाले अभ्यर्थियों को दूर जिलों में भेज दिया गया जबकि दो सितंबर को दूसरे चरण में कम मेरिट के बावजूद अभ्यर्थियों को उनके पसंदीदा जिले में तैनाती *मिल गई। इसके विरोध में दूर जिले *में भेजे गए हाई मेरिट वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दी। नाराजगी इसलिए भी अधिक थी क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने चयनित शिक्षकों से हलफनामा ले लिया था कि भविष्य में कभी भी उन्हें अंतर जनपदीय तबादले का लाभ नहीं मिलेगा। इस विवाद की सुनवाई हाईकोर्ट में 22 फरवरी को पूरी हो चुकी है और फैसले का इंतजार है। .
.
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में जिला आवंटन के विवाद का अंत एक महीने में होने का अनुमान है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर दर्जनों याचिकाओं की सुनवाई के बाद 22 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट अमूमन तीन महीने में सुरक्षित फैसले का आदेश जारी कर देता है। इसलिए याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है कि 21 मई तक मामले का निपटारा हो जाएगा। .
68500 शिक्षक भर्ती में सफल अभ्यर्थियों का जिला आवंटन बेसिक शिक्षा विभाग ने 31 अगस्त 2018 को जारी किया था। परीक्षा में सफल 41556 अभ्यर्थियों में से 34660 को जिला आवंटित हुआ लेकिन छह हजार से अधिक सफल अभ्यर्थियों का जिला आवंटन नहीं हुआ।.
इस पर बाहर किए गए सफल अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया। रातोंरात प्रदेशभर के सैकड़ों अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचकर एससीईआरटी के सामने धरने पर बैठ गये। मामला गंभीर होता देख मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर 48 घंटे के अंदर दो सितंबर को अवशेष छह हजार से अधिक अभर्थियों को जिला आवंटित हुआ लेकिन इसमें एक बड़ी गड़बड़ी हो गई। 31 अगस्त को पहले चरण में हाई मेरिट वाले अभ्यर्थियों को दूर जिलों में भेज दिया गया जबकि दो सितंबर को दूसरे चरण में कम मेरिट के बावजूद अभ्यर्थियों को उनके पसंदीदा जिले में तैनाती *मिल गई। इसके विरोध में दूर जिले *में भेजे गए हाई मेरिट वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दी। नाराजगी इसलिए भी अधिक थी क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने चयनित शिक्षकों से हलफनामा ले लिया था कि भविष्य में कभी भी उन्हें अंतर जनपदीय तबादले का लाभ नहीं मिलेगा। इस विवाद की सुनवाई हाईकोर्ट में 22 फरवरी को पूरी हो चुकी है और फैसले का इंतजार है। .