यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2018 ( 1) के परिणाम को हाई कोर्ट में दी गयी चुनौती , कोर्ट ने किया सरकार और भर्ती बोर्ड से जवाब - तलब , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2018 ( 1)  के परिणाम को हाई कोर्ट में दी गयी चुनौती , कोर्ट ने किया सरकार और भर्ती बोर्ड से जवाब - तलब , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर  



नागरिक पुलिस और पीएसी में 41520 पदों पर आरक्षियों की भर्ती को लेकर जारी परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका दाखिल कर कहा गया है कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने चयन में मनमानी की है और नियमोें के विपरीत जाकर चयन किया है। दीक्षा देवी और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने पुलिस भर्ती बोर्ड से इस मामले में जवाब मांगा है।
याचीगण का कहना है कि 41520 पदों पर भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के तहत याचीगण ने आवेदन किया था। लिखित परीक्षा और मेडिकल टेस्ट तथा दस्तावेज सत्यापन आदि प्रक्रिया में वह सफल हुए, मगर 18 फरवरी 2019 को परिणाम घोषित किया गया तो उनका नाम चयन सूची में नहीं था। उनसे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। भर्ती बोर्ड ने गलत तरीके से नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई, जिससे याचीगण चयन से बाहर हो गए। मांग की गई है कि चयन परिणाम रद्द कर नए सिरे से जारी किया जाए और याचीगण को फिटनेस टेस्ट आदि के लिए बुलाया जाए। याचिका पर कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड और अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। चयन परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन होगा।


प्रयागराज। हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल पद पर चयनित अभ्यर्थी कानपुर नगर के भालचंद्र की मेडिकल परीक्षा कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपर सचिव पुलिस भर्ती बोर्ड से कहा है कि याची का टेस्ट किस दिन कराया जाएगा इसकी उसे पूर्व में सूचना दी जाए। दीक्षा देवी और पांच अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार सुनवाई कर रहे हैं। याची के अधिवक्ता रितेश श्रीवास्तव का कहना था कि याचीगण में से एक भालचंद्र ने लिखित परीक्षा पास कर ली है मगर उसे दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल टेस्ट के लिए नहीं बुलाया गया। कोर्ट ने अपर सचिव को निर्देश दिया है कि याची का मेडिकल कराया जाए।




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