नए पाठ्यक्रम से होगी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) , असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अनिवार्य है नेट , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

नए पाठ्यक्रम से होगी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) , असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अनिवार्य है नेट , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। खास बात यह है कि न केवल नेट में शामिल 101 विषयों बल्कि सामान्य जागरूकता के पहले प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रम भी बदला गया है, जो सभी विषयों से नेट देने वाले परीक्षार्थियों के लिए अनिवार्य होता है।.

बदला हुआ पाठ्यक्रम जून 2019 में होने वाली परीक्षा से लागू किया जाएगा। इसे यूजीसी नेट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। यूजीसी नेट की वेवसाइट पर परिवर्तित पाठ्यक्रम को देखने के साथ ही इसे डाउनलोड भी किया जा सकता है। दिसंबर 2018 से नेट ऑनलाइन हो रहा है। इसका जिम्मा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को सौंपा गया है। पाठ्यक्रम में बदलाव परीक्षा को ऑनलाइन आयोजित करने की वजह से ही किया गया है।.

20 से 28 जून तक होगी परीक्षा : .

एनटीए ने जून में होने वाले यूजीसी नेट की तिथि घोषित कर दी है। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एक मार्च से शुरू होकर तीस मार्च तक चलेगा। आवेदकों के प्रवेश पत्र 15 मई को एनटीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। ऑनलाइन यानी कम्प्यूटर आधारित परीक्षा 20, 21, 24, 25, 26, 27 और 28 जून को होगी। परिणाम 15 जुलाई तक घोषित कर दिया जाएगा। एनटीए के वरिष्ठ निदेशक की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि यूजीसी नेट के दोनों पेपर तीन घंटे के दौरान आयोजित किए जाएंगे। पहला पेपर सामान्य जागरूकता का होगा जबकि दूसरा पेपर उस विषय का होगा, जिसके लिए अभ्यर्थी ने आवेदन किया होगा।.

यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा वर्ष में दो बार होती है। पहली परीक्षा जून और दूसरी दिसंबर में होती है। देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए यह अनिवार्य योग्यता है। टॉप मेरिट वाले जूनियर रिसर्च फेलो यानी जेआरएफ के लिए चयनित होते हैं। .

प्रयागराज। ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज स्थित फैकेल्टी डेवलपमेंट सेंटर में सात दिनों से चल रही कार्यशाला का बुधवार को समापन हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पीडीएम विवि हरियाणा के कुलपति प्रो. एके बख्शी ने कहा कि वर्तमान दौर में जो शिक्षक खुद को अपडेट नहीं रखेगा, वह आउट डेटेड हो जाएगा। जो शिक्षक चुनौतियों का सामना करेंगे, उन्ही ही तरक्की मिलेगी। इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आनंद शंकर सिंह, डॉ. अमिता पांडेय, डॉ. रश्मि जैन आदि उपस्थित थे।.

क्षमता के मुताबिक लक्ष्य निर्धारित करें छात्राएं.

जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग और महिला प्रकोष्ठ की ओर से कामकाजी महिलाओं की चुनौतियां विषय पर आयोजित संगोष्ठी का बुधवार को समापन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि अपर आयुक्त रितु सुहास ने छात्राओं को क्षमता के अनुसार बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उसकी प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करने का सुझाव दिया। चिकित्सक डॉ. निधि मिश्रा, मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता निघत गांधी और सोशल एक्टिविस्ट डॉ. पद्मा सिंह बतौर पैनलिस्ट शामिल हुईं। प्राचार्य डॉ. कमला दुबे ने स्वागत किया।.


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