यूपी लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिवों के करीब 250 पदों के लिए परीक्षा में धांधली की सरकार जाँच कराएगी , जुलाई में ही जांच के लिए दे दी थी मंजूरी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
सीबीआई ने मायावती के मुख्यमंत्री रहते 2010 में उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग में भर्ती के लिए कथित अनियमितताओं की जांच के लिए अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की है।.
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि राज्य की भाजपा शासित सरकार की शिकायत पर प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोप है कि यूपीपीएससी के अधिकारियों सहित कुछ अज्ञात लोगों ने 2010 में अतिरिक्त निजी सचिवों के करीब 250 पदों के लिए परीक्षा में धांधली की और अयोग्य उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया। दावा किया कि ऐसे उम्मीदवार न्यूनतम योग्यता भी पूरी नहीं करते थे। सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक, शिकायत में आरोप है कि 2007-12 में मायावती के मुख्यमंत्री रहते यूपी सरकार में सेवारत कुछ नौकरशाहों के निकट संबंधियों को पदों के लिए चुना गया। इसके लिए अधिकारियों ने परीक्षकों से मिलीभगत कर अंकों में बदलाव किए। .
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इलाहाबाद के माध्यम से अपर निजी सचिव (एपीएस) के 250 पदों पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने जुलाई 2018 में ही सहमति दे दी थी। इससे पहले सीबीआई कुछ कानूनी पेंच होने के कारण इस मामले की जांच नहीं कर पा रही थी।
सीबीआई ने मायावती के मुख्यमंत्री रहते 2010 में उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग में भर्ती के लिए कथित अनियमितताओं की जांच के लिए अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की है।.
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि राज्य की भाजपा शासित सरकार की शिकायत पर प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोप है कि यूपीपीएससी के अधिकारियों सहित कुछ अज्ञात लोगों ने 2010 में अतिरिक्त निजी सचिवों के करीब 250 पदों के लिए परीक्षा में धांधली की और अयोग्य उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया। दावा किया कि ऐसे उम्मीदवार न्यूनतम योग्यता भी पूरी नहीं करते थे। सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक, शिकायत में आरोप है कि 2007-12 में मायावती के मुख्यमंत्री रहते यूपी सरकार में सेवारत कुछ नौकरशाहों के निकट संबंधियों को पदों के लिए चुना गया। इसके लिए अधिकारियों ने परीक्षकों से मिलीभगत कर अंकों में बदलाव किए। .
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इलाहाबाद के माध्यम से अपर निजी सचिव (एपीएस) के 250 पदों पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने जुलाई 2018 में ही सहमति दे दी थी। इससे पहले सीबीआई कुछ कानूनी पेंच होने के कारण इस मामले की जांच नहीं कर पा रही थी।