69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा :: क्वालिटी एजुकेशन के लिए क्वालीफाइंग अंक तय किए ,सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राज्य सरकार ने जवाब दिया ,सामान्य अभ्यर्थियों को 65 और आरक्षित के लिए 60% अंक तय , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा :: क्वालिटी एजुकेशन के लिए क्वालीफाइंग अंक तय किए ,सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राज्य सरकार ने जवाब दिया  ,सामान्य अभ्यर्थियों को 65 और आरक्षित के लिए 60% अंक तय , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 



सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष राज्य सरकार ने मंगलवार को अपना जवाब दाखिल किया। सरकार की ओर से लिखित परीक्षा के बाद क्वालिफांइग मार्क्स तय करने के अपने निर्णय को सही करार देते हुए कहा गया कि उसकी मंशा क्वालिटी एजुकेशन देने की है और इसके लिए क्वालिटी अध्यापकों की आवश्यकता है।.

सरकार का यह भी कहना था कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 1.37 लाख शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षकों के रूप में नियुक्ति को रद्द करते हुए, उन्हें दो बार भर्ती में वेटेज देने की जो बात कही है, उसका अर्थ यह कतई नहीं है कि मेरिट से समझौता किया जाए। सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पूर्व में हुई परीक्षा में एक लाख 700 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जबकि इस बार छह जनवरी 2019 को हुई परीक्षा में चार लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। अभ्यर्थियों की इतनी बड़ी संख्या देखते हुए, क्वालिफाइंग मार्क्स नियत करना आवश्यक हो गया था। सरकार की ओर से 17 जनवरी को पारित यथास्थिति के आदेश को खारिज किये जाने की भी मांग की गई है। अब सुनवाई बुधवार को होगी।.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने मोहम्मद रिजवान आदि की ओर से दाखिल याचिकाओं पर दिया। वहीं याचियों की ओर से भी सरकार के जवाब पर प्रत्युत्तर शपथपत्र दाखिल किया गया। उल्लेखनीय है कि 1 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की गई थी। इस क्रम में 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई। इसके अगले दिन 7 जनवरी को सरकार ने सामान्य अभ्यर्थियों के लिए 65 प्रतिशत व आरक्षित श्रेणी के लिए 60 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये। सरकार के इसी निर्णय को याचियों ने चुनौती दी है। ये सभी याचिकाकर्ता पूर्व में शिक्षामित्र रहे हैं।.

परिणाम घोषित करने पर यथास्थिति पारित करने के अगले दिन ही मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार की ओर से पेश मुख्य स्थाई अधिवकता से पूछा था कि क्या सरकार 7 जनवरी के शासनादेश के बगैर परीक्षा परिणाम घोषित करने को तैयार है। न्यायालय ने निर्देश प्राप्त कर उसी दिन जानकारी देने को कहा लेकिन अपर महाधिवक्ता व मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने बताया कि सरकार से अभी तक उन्हें समुचित निर्देश नहीं मिले हैं और पूरी बात रखने के लिए दो दिन के समय की मांग की गई। जिसके बाद न्यायालय ने यथास्थिति अगली सुनवाई तक बनाए रखने के आदेश दे दिये। जिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा ने सरकार का पक्ष रखना शुरू किया। .




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