CTET 2018 :: परीक्षा में ज्यादातर अभ्यर्थी रहे हाजिर , सीटीईटी पास करने के बाद भी 69000 शिक्षक भर्ती में आवेदन करने को लेकर अभ्यर्थियों में असमंजस , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

CTET  2018 :: परीक्षा में ज्यादातर अभ्यर्थी रहे  हाजिर  , सीटीईटी पास करने के बाद भी 69000 शिक्षक भर्ती में आवेदन करने को लेकर अभ्यर्थियों में असमंजस , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर  




केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में रविवार को 99 फीसदी से अधिक अभ्यर्थी शामिल रहे। परीक्षा के लिए इलाहाबाद में तकरीबन एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। हर परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों की भीड़ रही। परीक्षा दो सत्रों सुबह 9.30 से 12 बजे और अपराह्न दो से 4.30 बजे तक आयोजित की गई। पहले सत्र सुबह 9.30 से 12 बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया जबकि दूसरे सत्र अपराह्न दो से 4.30 बजे तक प्राथमिक स्तर के लिए परीक्षा कराई गई। इस बार प्राथमिक स्तर की परीक्षा में बीएड वालों को भी शामिल होने का मौका मिला। यही वजह रही कि गत वर्षों की तुलना में इस बार अधिक संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। केवल साढ़े पांच सौ अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। परीक्षा में 99 फीसदी से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित रहे। अगर सीटीईटी का परिणाम 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए चल रही आवेदन प्रक्रिया से पहले आ जाता है तो सीटीईटी में सफल अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे या नहीं, इस पर असमंज की स्थिति है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की उपस्थिति के पीछे यही कारण माना जा रहा है कि शिक्षक भर्ती के आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने से पहले सीटीईटी का परिणाम आ जाता है तो इसमें सफल अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती में शामिल होने के लिए दावा करेंगे।

सीटीईटी के तहत उच्च प्राथमिक स्तर के मुकाबले प्राथमिक स्तर पर आए सवालों ने अभ्यर्थियों के लिए बड़ी चुनौती पेश की। एनसीईआरटी की किताब रटकर परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों को सवाल काफी कठिन लगे। हालांकि सवाल सेलेबस से ही आए लेकिन, उन सवालों को इस तरह से घुमा-फिराकर पूछा गया, जिसके जवाब एक योग्य शिक्षक को आने चाहिए।

कई सवाल परिस्थितियों पर आधारित पूछे गए। मसलन, ‘एक शिक्षक को गणित कक्षा में बच्चों के एक विषम समूह को कैसे संभालना चाहिए?’, ‘गणित में सीखने के प्रतिफल इसलिए विकसित किए गए हैं ताकि...?’ ‘कक्षा तीन के छात्रों को रमा ने सिखाया कि पिता, मां और उनके बच्चे एकल परिवार का गठन करते हैं और यदि दादा-दादी एवं अन्य रिश्तेदार साथ रहते हैं तो यह एक विस्तारित परिवार है। आप इस बारे में क्यो सोचते हैं?’, ‘ईवीएस कक्षा में समूह में सीखने का क्या उद्देश्य है?’ ऐसे ही तमाम सवाल आए, जिनके चारों विकल्प एक-दूसरे के काफी नजदीक थे और उनमें से सही विकल्प का चयन करना अभ्यर्थी के विवेक पर निर्भर करता है। इसके अलावा अंग्र्रेजी के दो और हिंदी का एक पैसेज आया। अभ्यर्थियों ने बताया कि पैसेज अपेक्षाकृत बड़े थे, जिन्हें पढ़ने में समय लगा और जवाब काफी सोच-समझकर देना पड़ा।

- केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने वाले कई अभ्यर्थी देर से केंद्र पहुंचे। उन्हें केंद्र के बाहर रोक दिया गया। परीक्षा से पहले केंद्र पहुंचने के लिए जो समय निर्धारित किया गया था, अभ्यर्थी उस वक्त केंद्र नहीं पहुंच सके। मनौरी केंद्रीय विद्यालय में अभ्यर्थियों को रोके जाने पर हंगामा भी हुआ और अभ्यर्थियों को खाली हाथ लौटना पड़ा। नैनी में भी कुछ केंद्रों में देर से पहुंचने पर अभ्यर्थियों को वापस कर दिया गया और वहां हंगामे जैसी स्थित रही।




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