फर्जीवाड़ा :: एक पैन नंबर से तीन लोग कर रहे थे नौकरी , अफसर कर रहे मामले की पड़ताल , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
अब शिक्षा विभाग में एक ही पैन नंबर और डाक्यूमेंट के सहारे तीन लोगों के नौकरी करने का मामला सामने आया है। इसमें लखीमपुर के अलावा गोरखपुर के केंद्रीय विद्यालय और बस्ती में एक-एक व्यक्ति सरकारी नौकरी कर रहा है। इनकम टैक्स विभाग ने जब जांच शुरू की तो शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। फंसने के डर से धौरहरा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय हरेरामपुरवा में बिपिन कुमार गुप्ता के नाम से कार्यरत शिक्षक लापता हो गया है, जो करीब 10 साल तक इसी पैन कार्ड का प्रयोग करता रहा।
गोरखपुर के खोराबार (सूबाबाजार) निवासी बिपिन कुमार गुप्ता केंद्रीय विद्यालय गोरखपुर में कार्यरत हैं। सितंबर 2018 में उन्हें ऑनलाइन आईटीआर दाखिल करने के दौरान जानकारी हुई कि उनके पैन नंबर पर दो अन्य लोगों (लखीमपुर खीरी और बस्ती) के द्वारा आईटीआर दाखिल किया जा रहा है। आनन-फानन बिपिन ने इंकम टैक्स कमिश्नर गोरखपुर को प्रार्थना पत्र देकर मामले की जानकारी दी। साथ ही उसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपने खाते के जरिए कराए फिक्स डिपॉजिट का प्रिंट निकलवाया, तो उसमें बिपिन के असली पते की जगह प्राइमरी स्कूल हरेरामपुरवा धौरहरा का पता दर्ज मिला। इससे बिपिन की परेशानी दोहरी हो गई, तो बैंक अधिकारियों ने बताया कि इसी पैन नंबर पर एसबीआई धौरहरा में खाता खोला गया है, जिसका पता सर्वर ने ले लिया है। इसके बाद बिपिन ने अपने पैन नंबर की और पड़ताल की, तो पता चला कि बस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त कार्यालय से टीडीएस डिपॉजिट किया जा रहा है। इसके बाद तो बिपिन के होश फाख्ता हो गए, क्योंकि उनके पैन नंबर पर दो और लोगों का टीडीएस जमा किए जाने से किसी भारी मुसीबत में फंसने का डर सताने लगा। उन्होंने लखीमपुर और बस्ती के डीएम और बीएसए से शिकायत करने के साथ ही मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर धोखाधड़ी के इस मामले की जानकारी दी।
जुलाई में बदल दिया पैन नंबर
धौरहरा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात कथित बिपिन कुमार गुप्ता की नियुक्ति 2008 में हुई थी। इसके बाद उसने जुलाई 2018 में पैन नंबर बदल दिया, तो वित्त एवं लेखाधिकारी दिलीप कुमार सिंह को शक हुआ। इसके दो माह बाद ही असली बिपिन कुमार गुप्ता की शिकायत प्राप्त हुई, जिससे अधिकारियों का शक यकीन में बदल गया। मामले की जांच शुरू हुई और उसे नोटिस दिया गया, जिसके बाद से वह लापता है। बीएसए बुद्ध प्रिय सिंह ने डायट से उसके अभिलेखों की जांच कराई तो अंकपत्र टेंपर्ड मिले और पता में केयर ऑफ राजितराम वर्मा निवासी बहराइच दिया गया है। इस पते पर बीएसए ने जांच कराई तो पता चला कि बिपिन कुमार गुप्ता के नाम से कोई व्यक्ति नहीं रहता। हालांकि जांच में यह भी पता चला कि राजितराम वर्मा लखीमपुर में शिक्षा विभाग में नौकरी करता है। इससे संभावना जताई जा रही है कि राजितराम वर्मा ही बिपिन कुमार गुप्ता के नाम पर नौकरी कर रहा था, जो मामले का भंडाफोड़ हो जाने के बाद से फरार है।
नोटिस के बाद भी जांच में उपस्थित नहीं हुआ शिक्षक
बीएसए ने गोरखपुर के बिपिन कुमार गुप्ता के साथ ही धौरहरा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय हरेरामपुरवा में तैनात शिक्षक बिपिन कुमार गुप्ता को मूल अभिलेखों के साथ 29 दिसंबर 2018 को तलब किया था। तय समय पर गोरखपुर से बिपिन कुमार गुप्ता मूल अभिलेखों सहित जांच के लिए बीएसए के समक्ष उपस्थित हुए, लेकिन धौरहरा ब्लॉक में तैनात बिपिन कुमार गुप्ता बीएसए के समक्ष हाजिर नहीं हुआ और न ही सितंबर से विद्यालय में उपस्थित हुआ है।
जुलाई में पैन नंबर बदले जाने पर शक हुआ था, जिससे बीएसए को अवगत कराया गया। इसके बाद शिकायत प्राप्त होने पर सारा माजरा खुलकर सामने आ गया है। शिक्षक का वेतन रोका जा चुका है।
- दिलीप कुमार सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी
अभी तक हुई जांच में धौरहरा में तैनात शिक्षक बिपिन कुमार गुप्ता को दोषी पाया गया है, जिसने फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी हासिल की है। इसलिए आवश्यक प्रक्रिया के तहत उसे बर्खास्त किया जाएगा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
- बुद्ध प्रिय सिंह, बीएसए
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