उत्तर प्रदेश में पीसीएस अफसरों में समूह 'क' में कुर्मी और 'ख' यादव अफसरों का दबदबा , आयोग को भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ खुलासा , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग के पीसीएस संवर्ग में सबसे ज्यादा अफसर कुर्मी और यादव जाति के हैं जबकि कई जातियों का पीसीएस में प्रतिनिधित्व शून्य है। उनका एक भी पीसीएस अफसर नहीं है। यूपी में ओबीसी के आईएएस अफसर कितने हैं, इसकी जानकारी केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से मांगी गई है। .
यूपी के नियुक्ति विभाग ने यह जानकारी अन्य पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति, लखनऊ को एक पत्र के जरिए दी है। नियुक्ति विभाग के संयुक्त सचिव सुरेश पांडेय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुर्मी, चनऊ, पटेल, पटनवार, कुर्मी-मल्ल, कुर्मी सैंथवार जाति के पीसीएस अधिकारी 38 हैं। अहीर, यादव, ग्वाला और यदुवंशीय जाति के इन अफसरों की संख्या 24 है। .
इस तरह इनका पीसीएस के क्लास वन नौकरियों में प्रतिनिधित्व क्रमश: 44.18 और 27.90 फीसदी है। पीसीएस के क्लास-टु अफसरों में सबसे ज्यादा 70 अफसर यादव हैं। कुर्मी जाति के 58 अफसर हैं। यानी इसमें क्रमश: 31.17 और 25 फीसदी का प्रतिनिधित्व है। तीसरी नंबर पर जाट जाति का प्रतिनिधित्व पीसीएस (क्लास वन और टू) में क्रमश:5.68 और 4.74 फीसदी है। .
अन्य पिछड़े वर्ग में आने वाली बाकी जातियों जैसे सोनार, गिरि, लोध, कुशवाहा शाक्य, केवट, मल्लाह, निषाद, कोइरी, कुम्हार, प्रजापति, गड़ेरिया, पाल, बघेल, छीपी, तमोली, बरई, चौरसिया, तेली, बढ़ई, बिंद, बारी, कांदू, माली, सैनी, मुराव, मौर्य, लोहार, मोमिन अंसार, मुस्लिम कायस्थ, मंसूरी, कुंजड़ा, राईन और राय सिक्ख का प्रतिनिधित्व बहुत ही कम है। इन जातियों का प्रतिनिधित्व पीसीएस में शून्य से लेकर अधिकतम 4.55 तक है। .
गिरी, लोध, कुशवाहा, शाक्य, केवट मल्लाह, निषाद, कोइरी, तेली, बढ़ई, बिंद, बारी, कांदू, माली, सैनी, लोनिया, हलवाई, झोजा, लोहार, मुस्लिम कायस्थ मंसूरी, कुंजड़ा, राईन और राय सिक्ख जैसी जातियों का पीसीएस संवर्ग में क्लास वन का कोई अफसर नहीं है। .
यूपी में क्लास वन के अफसरों की कुल संख्या 282 है। जिनमें 86 ओबीसी के हैं। .
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