सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में भर्ती हुए 1030 अभ्यर्थियों में 200 अकेले इटावा के ,एसआईटी की चल रही जाँच में हुआ खुलासा , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

सपा सरकार के दौरान  उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में भर्ती हुए 1030 अभ्यर्थियों में 200 अकेले इटावा के ,एसआईटी की चल रही जाँच में हुआ खुलासा , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में करीब 1200 कर्मियों की छंटनी के प्रस्ताव से हड़कंप मचा है, वहीं सपा सरकार में हुई भर्तियों की एसआइटी जांच ने भी नियुक्ति करने वाले अधिकारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में सहायक आंकिक एवं सहायक फील्ड आफिसर के पद पर सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के जरिये कुल 1030 भर्तियां की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें करीब 200 नियुक्तियां सिर्फ इटावा जिले के अभ्यर्थियों की हुईं।

 इटावा तत्कालीन सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव का गृह जिला है। 1मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता के भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेते हुए सपा हुकूमत में की गई नियुक्तियों की एसआइटी जांच के आदेश दिए थे। इस बीच प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामी रेड्डी ने बैंक पर बढ़ते हुए व्यय भार और घाटे को देखते हुए करीब 1200 कर्मियों की छंटनी का प्रस्ताव भेजा है।

सूत्रों के मुताबिक 31 मार्च 2016 को बैंक में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर लगभग 144 करोड़ का व्यय था, जो भर्तियों के बाद करीब 162 करोड़ हो गया है। नई भर्तियों से जहां बैंक पर 18 करोड़ का अतिरिक्त व्यय पड़ा, जबकि बैंक को वित्तीय वर्ष 2015-16 में ब्याज के रूप में लगभग 271 करोड़ की कुल आमदनी हुई। बैंक की आय सिर्फ दो करोड़ बढ़ी और व्यय भार 18 करोड़ बढ़ गया। आरोप है कि तत्कालीन एमडी ने अवैध तरीके से यह भर्ती कराई और इसमें नियमों की अनदेखी के साथ ही कुछ खास लोगों को उपकृत किया गया। अब ये खामियां उजागर होने लगी हैं।

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