UPSSSC ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में 05 जून 2016 से बाद जारी सीसीसी के प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों को दिखाया बाहर का रास्ता , अभ्यर्थियों ने दिया गोमतीनगर स्थित पिकप भवन पर धरना और की भूख हड़ताल , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनाती का सपना देख रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने बुधवार को करारा झटका दिया। निएलिट के देरी से जारी प्रमाणपत्र को आयोग ने मानने से मना करा दिया और साक्षात्कार में पहुंचे अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे नाराज अभ्यर्थी गोमतीनगर स्थित पिकप भवन पर भूख हड़ताल पर बैठ गए और धरना दिया। .
ग्राम विकास अधिकारी के लगभग तीन हजार पदों के लिये 5 जून 2016 में लिखित परीक्षा हुई थी। आयोग ने निएलिट प्रमाणपत्र धारक को योग्य माना था। मसलन, अभ्यर्थियों के पास परीक्षा से पहले के प्रमाणपत्र होने चाहिए। वहीं, 2014 में निएलिट से ट्रिपल-सी पास सैकड़ों अभ्यर्थियों के जारी प्रमाणपत्र में गड़बड़ियां थीं, जिसके लिये अभ्यर्थियों ने सही प्रमाणपत्रों को जारी करने के लिये आवेदन किया। निएलिट ने दूसरे प्रमाणपत्र भी जारी किये, लेकिन उन पर नई तिथि वर्ष 2017 की अंकित कर दी। .
अब आयोग ऐसे प्रमाण पत्रों को मानने से मना कर रहा है। आयोग का मानना है कि अभ्यर्थियों के पास लिखित परीक्षा दिन से पहले का प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। अनुक्रमांक नंबर नए प्रमाणपत्रों पर भी पुराना ही पड़ा है, जबकि निएलिट ने अभ्यर्थियों को इसके लिये एक पत्र भी जारी कर पुष्टि की है। लेकिन, आयोग के अड़ जाने के चलते अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ रहा है।.
अभ्यर्थी बोले आयोग मनमानी करने पर तुला
ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनाती का सपना देख रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने बुधवार को करारा झटका दिया। निएलिट के देरी से जारी प्रमाणपत्र को आयोग ने मानने से मना करा दिया और साक्षात्कार में पहुंचे अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे नाराज अभ्यर्थी गोमतीनगर स्थित पिकप भवन पर भूख हड़ताल पर बैठ गए और धरना दिया। .
ग्राम विकास अधिकारी के लगभग तीन हजार पदों के लिये 5 जून 2016 में लिखित परीक्षा हुई थी। आयोग ने निएलिट प्रमाणपत्र धारक को योग्य माना था। मसलन, अभ्यर्थियों के पास परीक्षा से पहले के प्रमाणपत्र होने चाहिए। वहीं, 2014 में निएलिट से ट्रिपल-सी पास सैकड़ों अभ्यर्थियों के जारी प्रमाणपत्र में गड़बड़ियां थीं, जिसके लिये अभ्यर्थियों ने सही प्रमाणपत्रों को जारी करने के लिये आवेदन किया। निएलिट ने दूसरे प्रमाणपत्र भी जारी किये, लेकिन उन पर नई तिथि वर्ष 2017 की अंकित कर दी। .
अब आयोग ऐसे प्रमाण पत्रों को मानने से मना कर रहा है। आयोग का मानना है कि अभ्यर्थियों के पास लिखित परीक्षा दिन से पहले का प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। अनुक्रमांक नंबर नए प्रमाणपत्रों पर भी पुराना ही पड़ा है, जबकि निएलिट ने अभ्यर्थियों को इसके लिये एक पत्र भी जारी कर पुष्टि की है। लेकिन, आयोग के अड़ जाने के चलते अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ रहा है।.
अभ्यर्थी बोले आयोग मनमानी करने पर तुला
अभ्यर्थियों के अनुसार अनुक्रमांक और निएलिट की ओर जारी पत्र के हिसाब से वे सब पूरी तरह निर्दोष हैं। बावजूद इसके आयोग मनमानी करने में लगा है। आयोग इसके लिये उनके प्रमाणपत्रों पर कोई आपत्ति भी लिखकर नहीं दे रहा है। .
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