बड़ी खबर :: प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियों को SC जातियों की सूची में शामिल करने की योजना , केंद्र सरकार जल्द ही जारी कर सकती है आदेश , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
सपा-बसपा के जातीय गणित से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी भी जातीय समीकरणों को दुरुस्त करने में जुट गई है। जल्द ही केंद्र सरकार प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का आदेश जारी कर सकती है। इसके लिए कवायद तेजी से चल रही है।
ये अति पिछड़ी जातियां हैं- निषाद, बिन्द, मल्लाह,केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति,राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा तथा गौड़।
ये जातियां अरसे से मांग कर रही हैं कि उन्हें एससी-एसटी की सूची में शामिल किया जाए। ऐसा करने से उनका आर्थिक व शैक्षिक विकास हो सकेगा। पिछड़ों में भी अति पिछड़ी श्रेणी में होने के कारण न तो समाज में उन्हें माकूल हिस्सेदारी मिल पा रही है, न ही आर्थिक विकास हो सका है। वैसे इसे लेकर पहले भी सपा और बसपा की सरकारें सियासत करती रही हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो सका था।
सपा ने भी प्रयास किया था:
सपा सरकार ने दिसम्बर 2016 में अति पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने के प्रस्ताव को प्रदेश कैबिनेट की मंजूरी दिलाई थी। केंद्र सरकार को संस्तुति भी भेजी थी। साथ ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। तब से गेंद केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रलय के पाले में है।
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