आउटसोर्सिंग से 700 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की तैयारी में सचिवालय प्रशासन विभाग , नियमित कर्मचारियों के लिए पहले लिए गए आवेदनों में किये थे पीएचडी होल्डर, बीटेक और एमबीए धारको ने आवेदन
अखिलेश सरकार में विशेष अनुमति लेकर सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भर्ती की कोशिशों का अंजाम देखने के बाद सचिवालय प्रशासन विभाग अब दूसरा रास्ता खोज रहा है। नियमित भर्ती की जगह सचिवालय प्रशासन विभाग आउटसोर्सिंग पर 700 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रख सकता है। फिलहाल इसे कामचलाऊ व्यवस्था कहा जा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार उस फजीहत से बचना चाह रही है।
पहले पीएचडी धारकों ने भी किया था आवेदन
वेतन आयोग की सिफारिश से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्सिंग से करने का फैसला लिया गया था। हालांकि, सचिवालय की सुरक्षा और गोपनीयता का हवाला देते हुए अखिलेश सरकार में नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती करने का नीतिगत फैसला लिया गया था। इसके बाद 368 पदों पर भर्ती निकाली गईं तो तकरीबन 23 लाख आवेदन आए।
इनमें 255 पीएचडी होल्डर, बीटेक और एमबीए आवेदक थे। इतनी संख्या और ऐसी योग्यता वालों के आवेदन आए तो विभाग ने भर्ती को लेकर हाथ खड़े कर दिए। विभाग का तर्क था कि यह संभव नहीं है कि इतने लोगों के इंटरव्यू करवाए जाएं। लिहाजा यह भर्ती ठंडे बस्ते में चली गई। अब इन पदों पर नियमित भर्ती होने तक कामचलाऊ व्यवस्था के तहत आउटसोर्सिंग पर तकरीबन 700 लोगों को रखने की कवायद शुरू हुई है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी।
अखिलेश सरकार में विशेष अनुमति लेकर सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भर्ती की कोशिशों का अंजाम देखने के बाद सचिवालय प्रशासन विभाग अब दूसरा रास्ता खोज रहा है। नियमित भर्ती की जगह सचिवालय प्रशासन विभाग आउटसोर्सिंग पर 700 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रख सकता है। फिलहाल इसे कामचलाऊ व्यवस्था कहा जा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार उस फजीहत से बचना चाह रही है।
पहले पीएचडी धारकों ने भी किया था आवेदन
वेतन आयोग की सिफारिश से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्सिंग से करने का फैसला लिया गया था। हालांकि, सचिवालय की सुरक्षा और गोपनीयता का हवाला देते हुए अखिलेश सरकार में नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती करने का नीतिगत फैसला लिया गया था। इसके बाद 368 पदों पर भर्ती निकाली गईं तो तकरीबन 23 लाख आवेदन आए।
इनमें 255 पीएचडी होल्डर, बीटेक और एमबीए आवेदक थे। इतनी संख्या और ऐसी योग्यता वालों के आवेदन आए तो विभाग ने भर्ती को लेकर हाथ खड़े कर दिए। विभाग का तर्क था कि यह संभव नहीं है कि इतने लोगों के इंटरव्यू करवाए जाएं। लिहाजा यह भर्ती ठंडे बस्ते में चली गई। अब इन पदों पर नियमित भर्ती होने तक कामचलाऊ व्यवस्था के तहत आउटसोर्सिंग पर तकरीबन 700 लोगों को रखने की कवायद शुरू हुई है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी।
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