यूपी लोक सेवा आयोग की भर्तियों में फर्जीवाड़े की जाँच कर रही सीबीआई ने पीसीएस 2015 परीक्षा के टॉपर चयनितो को भेजा समन , अगले सप्ताह से शुरू होगी पूछताछ , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

यूपी लोक सेवा आयोग की भर्तियों में फर्जीवाड़े की जाँच कर रही सीबीआई ने पीसीएस 2015 परीक्षा  के टॉपर चयनितो को भेजा समन , अगले सप्ताह से शुरू होगी पूछताछ , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 





 पीसीएस 2015 परीक्षा में अभ्यर्थियों के गलत चयन और इसमें कई बड़े अधिकारियों की भूमिका तलाश रहे सीबीआइ अफसरों ने टॉपर चयनितों को समन भेज दिया है। इनमें एक टॉपर ऐसा भी है जिसके परिवारीजन तत्कालीन सरकार में पुलिस महकमे में बड़े पद पर थे और आयोग में अध्यक्ष रहे डा. अनिल यादव के पास उनका आना-जाना था। सीबीआइ मुख्यालय में इन टॉपरों से पूछताछ अगले सप्ताह ही शुरू हो जाएगी। इस बीच मुख्यालय में आयोग कर्मियों से भी हो चुकी पूछताछ में सीबीआइ को कई अहम तथ्य मिले हैं।

सीबीआइ ने आयोग में 31 जनवरी, 2018 से भर्तियों की जांच शुरू कर कई ऐसे तथ्य हासिल किए हैं जिनसे अभ्यर्थियों का चयन गलत तरीके से होने की प्रमाणिक रूप से जानकारी मिली है। इनमें कापियों में काट छांट, स्केलिंग व मॉडरेशन में मनमानी के सुबूत भी मिल चुके हैं। तमाम रिकार्ड सील कर सीबीआइ ने अपने कब्जे में ले लिया है। अप्रैल से सीबीआइ ने पीसीएस 2015 के चयनितों से पूछताछ भी शुरू की। इनमें गलत तरीके चयनित अभ्यर्थियों के अलावा उनसे भी जानकारी ली गई है जिनके चयन में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है।

 जांच में सीबीआइ को पता चला है कि टॉपर सूची में आए चयनितों में कई के रिश्तेदार, परिजन बड़े पदों पर आसीन रहे जिसका उन्हें अनुचित लाभ मिला। इनमें तत्कालीन सरकार में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बेटे का नाम भी सामने आया था। सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ ने उस टॉपर को भी समन भेजकर अगले सप्ताह दिल्ली मुख्यालय पहुंचने को कहा है। जांच कार्य का नेतृत्व कर रहे एसपी राजीव रंजन के अलावा दो एडिशनल एसपी व अन्य विशेषज्ञ पूछताछ करेंगे। पांच मई को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद सीबीआइ ने यह पहला बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। अब आसार बनने लगे हैं कि सीबीआइ कोई बड़ी कार्रवाई भी कर सकती है।

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