इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के मेधावियों की उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने का
निर्णय लेकर सरकार व यूपी बोर्ड प्रशासन ने मानो सेल्फ गोल मार लिया है।
अभी परीक्षा परिणाम के प्रतिशत व एवार्ड ब्लैंक ओएमआर शीट के जगजाहिर होने
का विवाद शांत नहीं हुआ है। कॉपियां बोर्ड की वेबसाइट पर आते ही विवादों का
अंतहीन पिटारा खुलेगा। 1 परीक्षार्थियों की फौज कई सवाल खड़े करेगी और
बोर्ड के अफसर सिर्फ सफाई देने की मुद्रा में होंगे। बिना अंक वाली कॉपी
अपलोड करने का कोई मायने नहीं होगा लेकिन, विवाद फिर भी बढ़ेंगे। उप
मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने परीक्षाओं से पहले ही टॉपर की कॉपियां
वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय लिया। उनका तर्क था कि अन्य छात्र-छात्रओं
को बेहतर जवाब लिखने की प्रेरणा मिलेगी। बोर्ड प्रशासन ने उस समय हामी भर
दी। अब तो बोर्ड के परीक्षक ही हाईस्कूल व इंटर के सफलता प्रतिशत पर दबी
जुबान सवाल उठा रहे हैं।
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