एसएससी परीक्षाओ में फर्जीवाड़े की जाँच कर रही सीबीआई पहुंची 7 मुन्ना भाई तक , सीबीआई को पता लगी महत्वपूर्ण जानकारी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
एसएससी परीक्षा में किस तरह धोखाधड़ी और फरेब का खुला खेल चल रहा था, उसकी परतें सीबीआई जांच में खुलने लगी है। सीबीआई ने बुधवार को 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए कई शहरों में छापे मारे। इससे एक बड़े घोटाले के संकेत भी मिल रहे हैं। एग्जाम में तकनीकी सपोर्ट करने वाली निजी कंपनी सिफी के कंटेंट हेड संत प्रसाद गुप्ता सहित 7 छात्रों और कंपनी के 9 कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर देश में स्टूडेंट्स का उग्र आंदोलन हुआ था जिसके बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी।
जांच के अनुसार फेसबुक पोस्ट और प्रश्न पत्र के स्क्रीन शॉट ने अहम सुराग दिये जिसकी बदौलत सीबीआई आरोपियों तक पहुंची। सीबीआई सूत्रों के अनुसार 21 फरवरी को एसएससी की परीक्षा सबुह 10 बजकर 30 मिनट पर होनी थी। यह ऑनलाइन होती है। परीक्षा सेंटर पर सिस्टम का पासवर्ड और प्रश्न पत्र का कोडवर्ड 10 बजे सेंटर से जुड़े लोगों को दिया जाता था। एग्जाम में तकनीकी सपोर्ट सिफी कंपनी करती थी। जैसे ही 10 बजे कोडवर्ड मिला, उससे प्रश्न पत्र हासिल किये गए। इसके बाद जिन स्टूडेंट की सेटिंग थी उनके कंप्यूटर को ऐसी जगह से नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा गया जहां इनके सॉल्वर बैठे थे। अब इसी तकनीक के जरिए ये मुन्नाभाई जाल में फंस गये।
सीबीआई को पता चला कि ऑनलाइन एग्जाम में ऐसा सॉफ्टवेयर था जिसकी मदद से सभी स्टूडेंट से सवाल एक जैसे पूछे जाते लेकिन सभी के कंप्यूटर पर उसका क्रम अलग-अलग हो जाता था। यहीं से सीबीआई को पहला क्लू मिला। फिर फेसबुक पोस्ट पर दिए गए स्क्रीन शॉट को लेकर एसएसएसी से उस क्रम में किस स्टूडेंट को सवाल दिया गया था उसका रोल नंबर लिया गया। सीबीआई ऐसे 7 स्टूडेंट तक पहुंच गई। सिफी एजेंसी को तय करना होता था कि परीक्षा सेंटर का कंप्यूटर बाहर के नेटवर्क से न जुड़े और इसमें चैटिंग की सुविधा न हो।
एसएससी परीक्षा में किस तरह धोखाधड़ी और फरेब का खुला खेल चल रहा था, उसकी परतें सीबीआई जांच में खुलने लगी है। सीबीआई ने बुधवार को 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए कई शहरों में छापे मारे। इससे एक बड़े घोटाले के संकेत भी मिल रहे हैं। एग्जाम में तकनीकी सपोर्ट करने वाली निजी कंपनी सिफी के कंटेंट हेड संत प्रसाद गुप्ता सहित 7 छात्रों और कंपनी के 9 कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर देश में स्टूडेंट्स का उग्र आंदोलन हुआ था जिसके बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी।
जांच के अनुसार फेसबुक पोस्ट और प्रश्न पत्र के स्क्रीन शॉट ने अहम सुराग दिये जिसकी बदौलत सीबीआई आरोपियों तक पहुंची। सीबीआई सूत्रों के अनुसार 21 फरवरी को एसएससी की परीक्षा सबुह 10 बजकर 30 मिनट पर होनी थी। यह ऑनलाइन होती है। परीक्षा सेंटर पर सिस्टम का पासवर्ड और प्रश्न पत्र का कोडवर्ड 10 बजे सेंटर से जुड़े लोगों को दिया जाता था। एग्जाम में तकनीकी सपोर्ट सिफी कंपनी करती थी। जैसे ही 10 बजे कोडवर्ड मिला, उससे प्रश्न पत्र हासिल किये गए। इसके बाद जिन स्टूडेंट की सेटिंग थी उनके कंप्यूटर को ऐसी जगह से नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा गया जहां इनके सॉल्वर बैठे थे। अब इसी तकनीक के जरिए ये मुन्नाभाई जाल में फंस गये।
सीबीआई को पता चला कि ऑनलाइन एग्जाम में ऐसा सॉफ्टवेयर था जिसकी मदद से सभी स्टूडेंट से सवाल एक जैसे पूछे जाते लेकिन सभी के कंप्यूटर पर उसका क्रम अलग-अलग हो जाता था। यहीं से सीबीआई को पहला क्लू मिला। फिर फेसबुक पोस्ट पर दिए गए स्क्रीन शॉट को लेकर एसएसएसी से उस क्रम में किस स्टूडेंट को सवाल दिया गया था उसका रोल नंबर लिया गया। सीबीआई ऐसे 7 स्टूडेंट तक पहुंच गई। सिफी एजेंसी को तय करना होता था कि परीक्षा सेंटर का कंप्यूटर बाहर के नेटवर्क से न जुड़े और इसमें चैटिंग की सुविधा न हो।
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