राज्य सरकार के विभागों में जल्द न हुई भर्तियां तो खाली नजर आएंगे सरकारी महकमे ,, प्रदेश सरकार के सभी सरकारी महकमे जूझ रहे कर्मचारियों की भारी कमी से , 2019 -20 में बड़ी तादाद में कर्मचारी होंगे सेवानिवृत्त , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

राज्य सरकार के विभागों में जल्द न हुई भर्तियां तो खाली नजर आएंगे सरकारी महकमे ,, प्रदेश सरकार के सभी सरकारी महकमे  जूझ रहे कर्मचारियों की भारी कमी से , 2019 -20 में बड़ी तादाद  में कर्मचारी होंगे सेवानिवृत्त , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 





कृषि अनुभाग (6) समूह ख, ग और घ में स्वीकृत पद 26853- रिक्त पद 9313,

खादी एवं ग्रामोद्योग अनुभाग (1) समूह ग और घ के स्वीकृत पद 1647-रिक्त पद 946। 

यह बानगी भर है। प्रदेश के करीब-करीब सभी सरकारी महकमे कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इसके अलावा 2019-20 में बड़ी तादाद में कर्मचारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में सरकार के सामने शासकीय कार्यों और विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में बड़ी चुनौती आने वाली है।

सरकारी महकमों में करीब 16 लाख पद स्वीकृत हैं। सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के बाबत भर्तियां न होने से इस समय करीब 3.5 लाख पद रिक्त हैं। इस बीच, 90 के दशक में हुई बड़ी भर्तियों में काफी संख्या में सरकारी सेवा में आए अधिकारी-कर्मचारी अब रिटायर होने लगे हैं।

सूत्र बताते हैं कि 1984 से 1987 के बीच हुई बंपर भर्तियों में आए करीब दो से ढाई लाख कर्मचारी 2019-20 में रिटायर होंगे। यह स्थिति शासकीय कार्यों के लिहाज से बहुत ही चिंताजनक हैं। इसकी वजह है, कर्मचारियों की भारी कमी तो होगी ही, सरकार को अनुभवी कर्मचारियों की कमी से भी जूझना होगा।

इसीलिए सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की सोच को बल
कर्मचारियों की भारी कमी और 2020 तक आने वाली दिक्कतों को देखते हुए ही सरकार के अंदर और बाहर बैठे कुछ लोग राज्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की चर्चा कर रहे हैं। सरकार यदि यह कदम उठाती है तो यह संकट दो साल टाल सकता है। इस बीच, भर्तियों के लिए समय मिल जाएगा। इन दो साल में ही सरकार के पास सेवानिवृत्ति भुगतान का करीब 30 से 40 हजार करोड़ बचेगा, जिससे बड़े विकास कार्य किए जा सकेंगे।

सरकार ने बजा रखी है भर्ती की घंटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद संभालने के साथ ही रिक्त पड़े पदों पर भर्तियां करने  पर जोर दे रहे हैं। मुख्य सचिव ने भी भर्तियों का निर्देश दे रखा है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन कर दिया गया। आयोग ने अपना काम अब शुरू कर दिया है। कुछ पदों पर साक्षात्कार होने लगे हैं। इसके
बावजूद भर्तियां रफ्तार नहीं पकड़ पा रही हैं।

सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भारी कमी है। वेतन और सुविधाएं मिलने के बाद भी कर्मचारी काम के तनाव में हैं। इस तनावपूर्ण माहौल को समाप्त करने पर सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए। 
यादवेंद्र मिश्र, अध्यक्ष उप्र सचिवालय कर्मचारी संघ

2019-20 में ही करीब ढाई लाख कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। पहले से ही करीब 3.5 लाख पद खाली हैं। सरकार इस पर ध्यान दे। मुख्य सचिव के सात बार के आदेश के बाद भी समूह ग में पदोन्नतियों का काम पूरा नहीं किया गया। 
हरिकिशोर तिवारी, अध्यक्ष उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

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