यूपी लोक सेवा आयोग भर्तियों की जाँच कर रही सीबीआई कोई मिली पीसीएस 2015 के कई अभ्यर्थियों की हैंड राइटिंग बदली हुई , सीबीआइ के फोरेंसिक एक्सपर्ट से अभी इसकी तस्दीक होनी बाकी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच में सीबीआइ को के कई अभ्यर्थियों की हैंड राइटिंग बदली हुई मिली है। मुख्य परीक्षा की मूल कापियां आयोग से लेने के बाद जांच अधिकारियों ने जिन अभ्यर्थियों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था उनमें कई चयनितों की हैंड राइटिंग मूल कापियों से मेल नहीं खा रही है। टॉप-10 सूची में शामिल एक अभ्यर्थी की हैंड राइटिंग भी संदेहास्पद है। सीबीआइ के फोरेंसिक एक्सपर्ट से अभी इसकी तस्दीक होनी बाकी है।
पीसीएस 2015 के कुल 521 चयनितों में करीब एक सौ पीसीएस अफसरों के चयन गलत होने का सीबीआइ को संदेह है। अप्रैल माह में आयोग से मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं मांगने के बाद सीबीआइ ने चयनितों की हैंड राइटिंग का मिलान करना शुरू कर दिया है। इसके पीछे सीबीआइ यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं मुख्य परीक्षा में संदिग्ध चयनितों की कापियां किसी और विशेषज्ञ ने तो नहीं लिखी।
इलाहाबाद के गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय और दिल्ली मुख्यालय में फोरेंसिक एक्सपर्ट मिलान करने में जुटे हैं। कई कापियों में फोरेंसिक एक्सपर्ट को हैंड राइटिंग बदली हुई मिली है। मार्च माह के अंत में जिन चयनितों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था उनकी हैंड राइटिंग मूल कापियों से मिलान करने पर सीबीआइ को शक हुआ है।1 सूत्र बताते हैं कि एक चयनित से सीबीआइ अफसर इस बारे में पूछताछ भी कर चुके हैं लेकिन, उन्हें सही जवाब नहीं मिला, जबकि जिन चयनितों की हैंड राइटिंग में बदलाव की रिपोर्ट सकारात्मक आती है भर्तियों में हुई गड़बड़ी के जाल में उनका फंसना तय है।
गौरतलब है कि आयोग पर पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव के कार्यकाल में मनमानी के खूब आरोप लगे। उनके साथ कई सदस्य भी आरोपित हैं।
उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच में सीबीआइ को के कई अभ्यर्थियों की हैंड राइटिंग बदली हुई मिली है। मुख्य परीक्षा की मूल कापियां आयोग से लेने के बाद जांच अधिकारियों ने जिन अभ्यर्थियों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था उनमें कई चयनितों की हैंड राइटिंग मूल कापियों से मेल नहीं खा रही है। टॉप-10 सूची में शामिल एक अभ्यर्थी की हैंड राइटिंग भी संदेहास्पद है। सीबीआइ के फोरेंसिक एक्सपर्ट से अभी इसकी तस्दीक होनी बाकी है।
पीसीएस 2015 के कुल 521 चयनितों में करीब एक सौ पीसीएस अफसरों के चयन गलत होने का सीबीआइ को संदेह है। अप्रैल माह में आयोग से मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं मांगने के बाद सीबीआइ ने चयनितों की हैंड राइटिंग का मिलान करना शुरू कर दिया है। इसके पीछे सीबीआइ यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं मुख्य परीक्षा में संदिग्ध चयनितों की कापियां किसी और विशेषज्ञ ने तो नहीं लिखी।
इलाहाबाद के गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय और दिल्ली मुख्यालय में फोरेंसिक एक्सपर्ट मिलान करने में जुटे हैं। कई कापियों में फोरेंसिक एक्सपर्ट को हैंड राइटिंग बदली हुई मिली है। मार्च माह के अंत में जिन चयनितों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था उनकी हैंड राइटिंग मूल कापियों से मिलान करने पर सीबीआइ को शक हुआ है।1 सूत्र बताते हैं कि एक चयनित से सीबीआइ अफसर इस बारे में पूछताछ भी कर चुके हैं लेकिन, उन्हें सही जवाब नहीं मिला, जबकि जिन चयनितों की हैंड राइटिंग में बदलाव की रिपोर्ट सकारात्मक आती है भर्तियों में हुई गड़बड़ी के जाल में उनका फंसना तय है।
गौरतलब है कि आयोग पर पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव के कार्यकाल में मनमानी के खूब आरोप लगे। उनके साथ कई सदस्य भी आरोपित हैं।
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