यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2013 में खाली रही सीटों पर भर्ती बोर्ड द्वारा सिर्फ याचिका कर्ताओ को लाभ देने के फैसले पर इलाहबाद हाई कोर्ट ने लगायी रोक , कोर्ट ने भर्ती बोर्ड से खाली सीटों का भी माँगा ब्यौरा , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2013 में खाली रही सीटों पर भर्ती बोर्ड द्वारा सिर्फ याचिका कर्ताओ को लाभ देने के फैसले पर इलाहबाद हाई  कोर्ट ने लगायी रोक , कोर्ट ने भर्ती बोर्ड से खाली सीटों का भी माँगा ब्यौरा , क्लिक  करे और पढ़े पूरी खबर 


इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर संशोधित परिणाम में पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड ने केवल याचिका कर्ताओं को ही समायोजित किया। बोर्ड के इस निर्णय के खिलाफ दाखिल चुनौती याचिका पर कोर्ट ने 13 अप्रैल 2018 को जारी विज्ञापन के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है, साथ ही भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने सुमित तिवारी और मोहित कुमार सहित सैकड़ों अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया। याचीगण के अधिवक्ता का कहना है कि 41610 सिपाही भर्ती में क्षैतिज आरक्षण गलत ढंग से लागू करने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। कोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण को गलत मानते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। इस आदेश का पालन करते हुए पुलिस भर्ती बोर्ड ने 10 अप्रैल 2018 को परिणाम संशोधन के बाद सामान्य श्रेणी, ओबीसी और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों की कटऑफ मेरिट जारी की।

पात्र अभ्यर्थियों को मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया गया। लेकिन, 13 अप्रैल 2018 को विज्ञापन संशोधित कर दिया गया। नए विज्ञापन में सिर्फ क्षैतिज आरक्षण के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले 77 अभ्यर्थियों को ही मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया है। 13 अप्रैल को जारी इसी विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जिसमें कहा गया है कि कटऑफ मेरिट में आने वाले सभी अभ्यर्थियों को चयन के लिए बुलाया जाए, न कि सिर्फ याचीगण को। कोर्ट ने विज्ञापन के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए पुलिस भर्ती बोर्ड से आरक्षण और भर्ती प्रक्रिया से संबंधित मूल दस्तावेज मांगे हैं।


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