प्रदेश में चल रही 12460 सहायक अध्यापको की भर्ती में शामिल बीटीसी 2013 के अभ्यर्थियों की ग्रेडिंग सिस्टम के खिलाफ दाखिल याचिका की कोर्ट ने खारिज , कोर्ट ने कहा यह काम विशेषज्ञों का है कोर्ट का नहीं , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

प्रदेश में चल रही 12460 सहायक अध्यापको की भर्ती में शामिल बीटीसी 2013 के अभ्यर्थियों की ग्रेडिंग सिस्टम के खिलाफ दाखिल याचिका की कोर्ट ने खारिज , कोर्ट ने कहा  यह काम विशेषज्ञों का है कोर्ट का नहीं , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक के 12,460 पदों की भर्ती में शामिल बीटीसी 2013 के अभ्यर्थियों की ग्रेडिंग सिस्टम के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट का कहना था कि यह काम विशेषज्ञों का है कोर्ट का नहीं।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने जय प्रकाश पटेल व अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याचियों ने ग्रेड को गुणवत्ता अंक के समान अंक देने के लिए नियमावली न बनाए जाने को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि 15 दिसंबर 2016 को 12,460 सहायक अध्यापकों की भर्ती का शासनादेश जारी हुआ। 
यह भर्ती 15वें संशोधन के अनुसार गुणवत्ता अंक के आधार (हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व बीटीसी के प्राप्ताकों) पर होनी है। याचियों का कहना था कि इसमें 2013 बैच के बीटीसी धारकों का नुकसान होगा, क्योंकि 2012 बैच तक प्राप्ताकों के आधार पर प्रथम, द्वितीय या तृतीय श्रेणी दी गई है। गुणवत्ता अंक इसी आधार पर तय किए जाएंगे। 2013 वालों को ए, बी व सी ग्रेड के आधार पर अंक दिए गए हैं। उनके ग्रेड का आधार तय नहीं है। 

कोर्ट ने कहा कि 2013 बैच के अंकों से स्पष्ट है कि कितने अंकों पर कौन सी ग्रेड दी गई है। इन अंकों के आधार पर डिवीजन तय की जा सकती है। लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक प्रतिशत में तुलना पर कुछ कठिनाई हो सकती है। ऐसी स्थिति में परीक्षा प्राधिकारी को निर्णय लेना है कि कौन सफल है और कौन असफल। कोर्ट ने कहा कि शिक्षकों की कमी के मद्देनजर भर्ती प्रक्रिया में हस्तक्षेप उचित नहीं होगा।’

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