यूपी टीईटी 2017 प्राइमरी स्तर की परीक्षा में की गयी थी विषयवार प्रश्नसंख्या की अनदेखी , हिंदी विषय से पूछे गए थे सिर्फ 15 सवाल , नियम के अनुसार पूछे जाने चाहिए थे 15 सवाल , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

यूपी टीईटी 2017 प्राइमरी स्तर की परीक्षा में  की गयी थी  विषयवार प्रश्नसंख्या की अनदेखी , हिंदी विषय से पूछे गए थे सिर्फ 15 सवाल , नियम के अनुसार पूछे जाने चाहिए थे 15 सवाल , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2017 की प्राथमिक स्तर की परीक्षा में विषयवार प्रश्नसंख्या की अनदेखी की गई। 15 अक्तूबर को आयोजित परीक्षा की बुकलेट संख्या ‘ए’ में हिन्दी विषय में प्रश्नसंख्या 56 से 60 तक पांच सवाल पूछे गये थे जबकि 24 दिसम्बर 2014 को जारी शासनादेश के अनुसार पेपर में हिन्दी विषय से 15 सवाल होने चाहिए थे।

इसी प्रकार वैकल्पिक विषय अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू में भी निर्धारित प्रश्नों की संख्या की अनदेखी की गई। अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू में 15-15 प्रश्न होने चाहिए थे लेकिन पेपर में क्रमश: 10, 3 व 4 प्रश्न पूछे गये थे। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रश्नों की संख्या निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं होने से परिणाम पर असर पड़ा।

नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए विषयवार प्रश्नों की संख्या तय की थी। 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 12 मार्च को प्रस्तावित लिखित परीक्षा निरस्त होने के पीछे मानकों की अनदेखी भी बड़ा कारण माना जा रहा है।

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