यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा सपा शासनकाल में की गयी भर्तियों में सफल अभ्यर्थियों से भी पूछताछ कर सकती है सीबीआई , सीबीआई कर चुकी पूरी तैयारी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
उप्र लोकसेवा आयोग की भर्तियों में धांधली के जिस तरह से सीबीआइ को साक्ष्य मिल रहे हैं उससे टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि नियमों को ताख पर रखकर मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। ऐसे में आयोग के अफसरों के अलावा सीबीआइ अपनी जांच की जद में उन्हें भी लाने की तैयारी में है जिन्होंने मेधावियों का हक मारकर प्रशासनिक सेवाओं में कब्जा किया।
गौरतलब है कि सीबीआइ की टीम आयोग की एक अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 के बीच हुई सभी भर्तियों की जांच कर रही है। इनमें पीसीएस 2015, पीसीएस जे 2015, लोअर सबऑर्डिनेट 2013 व आरओ-एआरओ 2013 की जांच प्रथम चरण में होनी है।
सीबीआइ अफसर इन परीक्षाओं से संबंधित सभी डाटा खंगाल रहे हैं। आयोग में फिलहाल इन परीक्षाओं से संबंधित कंप्यूटरों से डाटा की इमेजिंग स्कैनिंग चल रही है। अब तक प्रतियोगियों से मिली शिकायतों और उनके आधार पर हुई पड़ताल में सीबीआइ तेजी से इस नतीजे की ओर बढ़ रही है कि पांच साल के दौरान हुई भर्तियों में बड़ी संख्या में अयोग्य लोग चयनित हुए हैं। ऐसे में जांच का ठोस परिणाम हासिल करने के लिए सीबीआइ अफसरों के निशाने पर ऐसे लोग भी आएंगे जिनका चयन अवैध तरीके से हुआ। सूत्र बताते हैं कि परीक्षाओं में सफल हुए अभ्यर्थियों से पूछताछ की तैयारी हो रही है।
उप्र लोकसेवा आयोग की भर्तियों में धांधली के जिस तरह से सीबीआइ को साक्ष्य मिल रहे हैं उससे टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि नियमों को ताख पर रखकर मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। ऐसे में आयोग के अफसरों के अलावा सीबीआइ अपनी जांच की जद में उन्हें भी लाने की तैयारी में है जिन्होंने मेधावियों का हक मारकर प्रशासनिक सेवाओं में कब्जा किया।
गौरतलब है कि सीबीआइ की टीम आयोग की एक अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 के बीच हुई सभी भर्तियों की जांच कर रही है। इनमें पीसीएस 2015, पीसीएस जे 2015, लोअर सबऑर्डिनेट 2013 व आरओ-एआरओ 2013 की जांच प्रथम चरण में होनी है।
सीबीआइ अफसर इन परीक्षाओं से संबंधित सभी डाटा खंगाल रहे हैं। आयोग में फिलहाल इन परीक्षाओं से संबंधित कंप्यूटरों से डाटा की इमेजिंग स्कैनिंग चल रही है। अब तक प्रतियोगियों से मिली शिकायतों और उनके आधार पर हुई पड़ताल में सीबीआइ तेजी से इस नतीजे की ओर बढ़ रही है कि पांच साल के दौरान हुई भर्तियों में बड़ी संख्या में अयोग्य लोग चयनित हुए हैं। ऐसे में जांच का ठोस परिणाम हासिल करने के लिए सीबीआइ अफसरों के निशाने पर ऐसे लोग भी आएंगे जिनका चयन अवैध तरीके से हुआ। सूत्र बताते हैं कि परीक्षाओं में सफल हुए अभ्यर्थियों से पूछताछ की तैयारी हो रही है।
नौकरियों से सम्बन्धित हर जानकारी को अपने मोबाइल पर पाने के लिए हमारी आधिकारिक एप डाउनलोड करें