प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन न होने से खाली पड़े है इंटर कॉलेजो में शिक्षकों के पद , 31 जनवरी को हो सकता है आयोग का गठन , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन न होने से खाली पड़े है इंटर कॉलेजो में शिक्षकों के पद , 31 जनवरी को हो सकता है आयोग का गठन , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 



सूबे के राजकीय सहायता प्राप्त (एडेड) स्कूलों में एलटी व प्रवक्ता शिक्षकों व प्रधानाचार्य पदों की नियुक्ति करने वाले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन न होने से इंटर कालेजों में रिक्त पदों पर भर्ती अटकी। इन स्कूलों में तकरीबन 40 फीसद पद रिक्त हैं। स्थिति तो यहां तक पहुंच गयी है कि सामाजिक विषयों को शिक्षकों को गणित पढ़ाने काम लिया जा रहा है। अब 30-31 जनवरी को शासन में आयोग के गठन पर निर्णय लेने को बैठक होनी है। 

उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग से सूबे में सहायता प्राप्त इंटर कालेजों में कक्षा नौ से 12वीं तक शिक्षकों के चयन का जिम्मा है। सरकारी आंकड़ों में प्रदेश में 25 हजार से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं, जबकि अधिकारियों शिक्षक नेताओ की माने तो 40 फीसद पद रिक्त हैं। सूत्रों का कहना है कि रिक्त पदों की संख्या अब पूरी तरह साफ होनी चाहिए। 
सभी कुछ कम्प्यूटरों में दर्ज हो चुका है, लेकिन एडेड स्कूलों के प्रबंधन तंत्र आयोग को अधियाचन भेजने में भी हीलाहवाली करते है, ताकि शिक्षक नियुक्त करने का कोई अन्य रास्ता तलाशा जा सके। सूबे में मार्च में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आयोग के अध्यक्ष वीके गुप्ता से लेकर सभी सदस्यों के इस्तीफे हो गये थे। अब तकरीबन दस महीने बीतने को है, लेकिन आयोग का गठन नहीं हो पा रहा है। 

सूबे भर के एडेड स्कूलों में तकरीबन एक लाख शिक्षकों के पद सृजित हैं, इनमें एलटी ग्रेड व लेक्चरर दोनों श्रेणी के शिक्षक शामिल हैं, लेकिन अभी 40 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों के रिक्त होने से शिक्षाविद गुणवत्ता को लेकर सवाल भी खड़े करते हैं। उनका कहना है कि जब दस महीने में आयोग का गठन नहीं हो पाया। एलटी ग्रेड की 6 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में अटकी है, ऐसे में यूपी बोर्ड की स्थिति का आकलन खुद बा खुद लगाया जा सकता है। 

सूत्रों का कहना है कि जल्द ही आयोग के गठन को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तर्ज पर एक ही दिन में यह आयोग भी गठित हो सकता है, लेकिन पहले सरकार को यह निर्णय लेना है कि माध्यमिक व उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग आयोग बनाया जाए या एक ही आयोग से दोनों स्तर के शिक्षकों के पदों की भर्ती की जाए। इस पर अगले हफ्ते स्थिति साफ हो सकती है।

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