उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती के लिए बड़ा बदलाव !! लिखित परीक्षा से होगी भर्ती, लेकिन उम्र सीमा मे कोई बदलाव नहीं

उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल की  भर्ती के लिए  बड़ा बदलाव !! लिखित परीक्षा से होगी भर्ती l लेकिन उम्र सीमा मे कोई बदलाव नहीं 





प्रदेश सरकार ने नागरिक पुलिस के सिपाहियों की भर्ती की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रदेश में सिपाहियों की भर्ती लिखित परीक्षा की मेरिट और दौड़ क्वालीफाई करने के आधार पर किया जाएगा। लिखित परीक्षा में मेरिट के आधार पर ही दौड़ के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा और उन्हें दौड़ क्वालीफाई करनी होगी। लेकिन दौड़ के नंबर नहीं जुड़ेंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सिपाही भर्ती में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। खास बात यह है कि एक लाख एक हजार सिपाहियों की भर्ती की जानी है। सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले नागरिक पुलिस के सिपाहियों की भर्ती हाईस्कूल के अंकों के आधार पर सौ अंक, इंटर के अंकों के आधार पर दो सौ अंक और फिजिकल टेस्ट (दौड़) दो सौ अंकों के आधार पर होती थी लेकिन अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। 


कैबिनेट ने फैसला किया है कि सिपाहियों की भर्ती लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर की जाएगी। लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दौड़ भी क्वालीफाई करनी होगी लेकिन दौड़ के नंबर अब नहीं जोड़े जाएंगे। लिखित परीक्षा को ऑनलाइन कराने के लिए बोर्ड स्वतंत्र होगा। 

भर्ती के लिए पुरुषों और महिलाओं की आयु सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।  पुरुष संवर्ग के लिए 18 से 22 वर्ष की आयु जबकि महिला के लिए 18 से 25 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। इसके लिए उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को अधिकृत कर दिया गया है।

प्रमुख सचिव गृह अर¨वद कुमार ने बताया कि पुरुष अभ्यर्थियों को 4.8 किलोमीटर की दौड़ पहले 27 मिनट में पूरी करनी होती थी, अब 25 मिनट में पूरी करनी होगी। इसी तरह महिला अभ्यर्थियों को 2.4 किलोमीटर की दौड़ 16 के बजाये 14 मिनट में पूरी करनी होगी। 

प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि तीन सौ नंबरों की आब्जेक्टिव टाइप लिखित परीक्षा होगी। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होगी। मेरिट के न्यूनतम अंक भी तय नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक लाख एक हजार सिपाहियों की भर्ती होनी है। यह भर्ती एक साथ नहीं की जाएगी, क्योंकि ट्रेनिंग क्षमता इतनी ज्यादा नहीं है। 

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में 34 हजार सिपाहियों की भर्ती का मामला विचाराधीन है। जिस पर अभी सुनवाई चल रही है। इनके रिजल्ट पर अभी रोक लगी है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से राय मांगी है। इसीलिए सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला किया है। श्री कुमार ने यह भी बताया कि लिखित परीक्षा अभ्यर्थियों की हिसाब से एक बार, दो बार या कई बार और कई पारियों में और अलग-अलग प्रश्नपत्रों के आधार पर कराई जा सकती है।

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