70 लाख युवा बनेंगे स्वावलम्बी !! कौशल विकास योजना के तहत प्रदेश में बिछाया जाएगा रोजगार का जाल

70 लाख युवा बनेंगे स्वावलम्बी !! कौशल विकास योजना के तहत प्रदेश में बिछाया जाएगा रोजगार का जाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कौशल विकास योजना के तहत पांच वर्षो में 70 लाख नौजवानों को स्वावलम्बी बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि चालकों के प्रशिक्षित न होने से बहुत दुर्घटनाएं हो रही हैं। यातायात विभाग के पुलिस महानिदेशक ने बताया था कि हर महीने 13 हजार लोगों की मृत्यु केवल दुर्घटनाओं से हो रही हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री योगी व केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूड़ी शनिवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दी।श्री योगी ने कहा कि चालू वर्ष में 10 लाख युवाओं को इस योजना के तहत प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम है। छह लाख से अधिक युवाओं ने पंजीयन भी करा लिया है। मोटर अधिनियम का उल्लंघन कर सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन मर रहे हैं। इसे रोकने के लिए कौशल विकास योजना के तहत हर मण्डलीय मुख्यालय पर पांच-पांच एकड़ जमीन पर मोटर ड्राइ¨वग स्कूल खोला जायेगा। यह सरकारी होगा। इसका फ्रेंचाइजी नहीं दिया जायेगा। अक्सर देखा जाता है कि वाहन चला रहे लोग मोबाइल फोन पर बात करते रहते हैं। कान में ईयर फोन लगाये रहते हैं और कुछ तो शराब पीकर गाड़ी चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं, इस पर सख्ती की जायेगी। इस योजना के तहत पारम्परिक उद्योगों को प्राथमिकता देकर आगे बढ़ाया जायेगा। निजी क्षेत्र के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ज्यादातर का मानक पूरा नहीं है। इन सब को ठीक किया जायेगा।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा पण्राली का सरलीकरण किया जायेगा। देश में दो कार्य बहुत तेजी से चलते हैं एक परीक्षा और दूसरा चुनाव। हम लोग अब आनलाइन व्यवस्था के तहत 24 घण्टे के अंदर परीक्षा परिणाम की तैयारी कर रहे हैं। वाराणसी की साड़ी, लखनऊ का चिकन, भदोही की कालीन, मुरादाबाद का पीतल, आगरे का पेठा, फिरोजाबाद का कांच उद्योग, कन्नौज का इत्र, गोरखपुर का टेराकोटा जैसे परंपरागत उद्योगों को कौशल विकास के तहत सुदृढ़ किया जायेगा।इस अवसर पर राजीव प्रताप रूढ़ी ने कहा कि पांच वर्षो में उप्र में कौशल विकास का जाल बिछा दिया जायेगा। इस योजना में 23 मंत्रालय और 50 विभाग काम कर रहे हैं। कौशल विकास के लिए 200 करोड़ की मदद उप्र को जल्द देंगे। उप्र में 2300 निजी क्षेत्र के आईटीआई हैं, इनकी गुणवत्ता पर जोर दिया जायेगा। प्रदेश में अगले तीन से पांच वर्षो में सभी जिलों में आईटीआई खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि एनसीवीटी (नेशनल सार्टिफिकेट ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग) की मान्यता शिक्षा केन्द्रों को दी जायेगी। अब जो भी संस्थान मानक के अनुसार गुणवत्ता युक्त होंगे, वही चल पायेंगे और गुणवत्ता खराब होने की वजह से निजी आईटीआई नहीं खुल सकेंगे। ओला और उबर जैसी कैब सेवाओं के लिए कुशल वाहन चालक तैयार करने तथा भारी वाहनों, डम्पर एवं जेसीबी के लिए चालक प्रशिक्षित करने के ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगे।

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